रेडक्रॉस की 11 दुकानों का किराया वसूलने छूट रहे हैं पसीनेकेजीएच के बगल में बनी हुई हैं सभी दुकानें, 5 साल से नहीं दे रहे हैं किराया

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*रेडक्रॉस की 11 दुकानों का किराया वसूलने छूट रहे हैं पसीने…*
*केजीएच के बगल में बनी हुई हैं सभी दुकानें, 5 साल से नहीं दे रहे हैं किराया*
रायगढ़। केजीएच के बगल में रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा निर्मित ११ दुकानों से पिछले पांच सालों से कोई किराया नहीं मिल सका है। आज की स्थिति में दुकानों पर करोड़ों का बकाया हो चुका है मगर वसूली जीरो है। दुकान भाड़े को लेकर पेंच फंसने से मामला एसडीएम में चल रहा है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग को ही नुकसान हो रहा है। सेठ किरोड़ीमल शासकीय जिला अस्पताल के ठीक बगल में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी ने अपनी जमीन पर कुछ सालों पर पहले ११ दुकानों का निर्माण कराया था। सोसायटी की बैठक में इन सभी दुकानों को किराये पर देने का निर्णय था ताकि इससे रेडक्रॉस सोसायटी की आय हो सके। इस लिहाज से इन सभी ११ दुकानों को व्यवसायिक उपयोग के लिए किराये पर दे दिया गया मगर आज की स्थिति में इन दुकानों से रेडक्रॉस सोसायटी को आय के नाम पर एक रुपया तक नहीं मिल पा रहा है। कारण यह है कि पिछले ५ सालों से यहां के दुकानदार रेडक्रॉस को दुकान का किराया नहीं दे रहे हैं। सोसायटी की ओर से नोटिस तो जारी किया जा रहा है मगर दुकानदारों पर उसका कोई असर नहीं पड़ रहा है और बिना किराया अदा किये ही सभी अपनी दुकानदारी चला रहे हैं। आज की स्थिति मेें इन ११ दुकानों पर करोड़ों रुपये का किराया बकाया हो चुका है मगर वसूली की स्थिति जीरो की बनी हुई है। इससे सीधे-सीधे स्वास्थ्य विभाग और रेडक्रॉस सोसायटी को नुकसान हो रहा है। दरअसल, इन दुकानों के भाड़ा को लेकर रेडक्रॉस सोसायटी व दुकानदारों के बीच विवाद चला आ रहा है। बताया जाता है कि जब दुकानदारों को दुकानें सौंपी गई थी उस समय दुकानों का किराया ११ सौ रुपये तय किया था मगर २०१८ मेें भाड़ा नियंत्रण अधिकारी ने इन दुकानों का किराया १२ हजार रुपये तय कर दिया जिसका दुकानदार विरोध कर रहे हैं। तब से दुकानदार किराया नहीं दे रहे हैं और मामले को लेकर एसडीएम कोर्ट चले गए हैं जहां अब तक प्रकरण लंबित है।

कलेक्टर कोर्ट में की गई है अपील
जानकारों की मानें तो यह सब स्थिति पूर्व सीएचएमओ की उदासीनता की वजह से ही निर्मित हुई। वसूली पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिये जाने का ही नतीजा है कि स्वास्थ्य विभाग को करोड़ों का बकाया किराया नहीं मिल पा रहा है। हालांकि अधिकारी बताते हैं कि अब पुन: इस मामले की फाइलें खंगाली जा रही हैं और किरायेदारों की आपत्ति के खिलाफ कलेक्टर कोर्ट में अपील की गई है। ऐसे में अब वहां से जो निर्णय आयेगा, उस पर अमल किया जायेगा।

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